डुंगरपुर जिला Gk
उपनाम - पहाडो की नगरी
डुंगरपुर नगर की स्थापना 1358 मे डूंगरसिंह ने की।
वागड के शासक उदयसिंह खानवा के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए एवं उनके दो पुत्रो ने वागड क्षेत्र को दो भागों मे विभाजित कर दिया, पृथ्वीसिंह ने डुंगरपुर एवं जगमाल ने बांसवाडा मे स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।
01 नवम्बर 1956 मे राजस्थान निर्माण के समय राजस्थान का सबसे छोटा जिला डुंगरपुर था।
रथ उत्सव - डुंगरपुर
पितृ पूजा महोत्सव- डुंगरपुर
मुरला गणेश - डुंगरपुर
राजस्थान का प्रथम पूर्ण साक्षर आदीवासी जिला डुंगरपुर है।
राजस्थान मे सर्वाधिक लिंगानुपात डुंगरपुर जिले मे है।
गेबसागर झील- डूंगरपुर
उपनाम- इसे एडवर्ड झील भी कहा जाता है।
कालीबाई का पेनारमा - इस झील के किनारे कालीबाई भील का पेनारमा(स्मारक) स्थित है, रास्तापाल इसी नदी के किनारे स्थित है, काली बाई को साक्षरता कि देवी एवं राजस्थान का एकलव्य कहा जाता है।
बेणेशवर मंदिर- नवाटापरा गाँव (डुंगरपुर)
- यह मंदिर सोम माही जाखम नदियों के संगम स्थल पर बना हुआ है।
- यहां पर खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है।
- यहां पर माघ पूर्णिमा को मेला आयोजित हो जात है जिसे आदिवासियों का कुंभ कहा जाता है।
नौलखा/नवलखा बावडी - डूंगरपुर
- निर्माण- इसका निर्माण आसकरण कि पत्नि प्रिमल देवी द्वारा करवाया गया।
- वास्तुकार- लीलाघर
- यह राजस्थान कि सबसे महंगी बावडी है।
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